नई दिल्ली (buzzblendnews): आईपीएल 2025 में कई नए नियमों के साथ एक और बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। अब मैच के दौरान अंपायर बल्लेबाजों के बैट की जांच कर रहे हैं। यह नया प्रोटोकॉल इस सीजन से लागू किया गया है, जिसमें हर बल्लेबाज को मैदान पर उतरने से पहले अपने बैट का साइज चेक करवाना होगा। लेकिन सवाल यह है कि आखिर यह नियम क्यों लाया गया? और क्या है इसके पीछे की वजह?
क्या है नया नियम?
अब मैच के दौरान अंपायर "होम-शेप्ड बैट गेज" का उपयोग करके बल्ले की चौड़ाई, गहराई और किनारे की मोटाई चेक करेंगे।
बैट का साइज ICC द्वारा तय मानकों के अनुरूप होना चाहिए:
चौड़ाई: 4.25 इंच (10.8 सेमी) से अधिक नहीं
गहराई: 2.64 इंच (6.7 सेमी) से अधिक नहीं
किनारे की मोटाई: 1.56 इंच (4.0 सेमी) से अधिक नहीं
अगर बैट इन मापदंडों से बड़ा पाया जाता है, तो बल्लेबाज को उसे बदलना होगा।
पहले कैसे होती थी जांच?
पहले बैट की जांच मैच से पहले या ड्रेसिंग रूम में होती थी, जो ज्यादातर गोपनीय रहती थी। लेकिन अब BCCI ने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाते हुए मैदान पर ही जांच करने का निर्णय लिया है।
क्यों लाया गया यह नियम?
बैट के आकार में हेराफेरी की आशंका:
कुछ मामलों में खिलाड़ी ड्रेसिंग रूम में एक बैट जमा करते थे और मैदान पर दूसरा इस्तेमाल करते थे, जिससे अनफेयर एडवांटेज मिलता था।
buzzblendnews के सूत्रों के मुताबिक, कुछ बल्लेबाजों को बड़े साइज के बैट का इस्तेमाल करते हुए पकड़ा गया, जिसके बाद BCCI ने सख्त कदम उठाया।
पावर-हिटिंग के दौर में संतुलन बनाए रखना:
आधुनिक क्रिकेट में मोटे और भारी बैट के कारण गेंदबाजों को नुकसान हो रहा था।
IPL चेयरमैन अरुण धूमल ने कहा, "हम चाहते हैं कि बैट और गेंद के बीच संतुलन बना रहे। यह नियम खेल की निष्पक्षता के लिए जरूरी है।"
किन बल्लेबाजों के बैट चेक हुए?
इस सीजन में अब तक हार्दिक पांड्या, फिल सॉल्ट और शिमरॉन हेटमायर जैसे बल्लेबाजों के बैट की जांच की जा चुकी है। हालांकि, अभी तक किसी के बैट में कोई अनियमितता नहीं पाई गई है।
क्या होगा अगर बैट नियमों के अनुरूप नहीं है?
पहली बार में बल्लेबाज को चेतावनी दी जाएगी और उसे बैट बदलने के लिए कहा जाएगा।
अगर कोई खिलाड़ी बार-बार नियम तोड़ता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
निष्कर्ष: क्या यह नियम सही है?
पक्ष में: यह नियम गेंद और बल्ले के बीच संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा और अनफेयर प्रैक्टिस को रोकेगा।
विपक्ष में: कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह प्रक्रिया मैच के फ्लो को बाधित कर सकती है।
buzzblendnews की रिपोर्ट के अनुसार, यह नया प्रोटोकॉल IPL को और अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। अब देखना यह है कि क्या यह नियम आगे भी जारी रहेगा या फिर इसमें और बदलाव किए जाएंगे।