आईपीएल 2025 ने शुरुआत से ही "बैटिंग स्टॉर्म" छोड़ दिया है। अभी तक खेले गए 6 मैचों*में ही 6 बार 200+ स्कोर, 133 छक्के,और 205 चौके दर्ज हो चुके हैं। ये आंकड़े फैंस के लिए तो मनोरंजक हैं, लेकिन गेंदबाजों के लिए सिरदर्द"बनते जा रहे हैं। इसी माहौल पर भारत के दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने एक ऐसी बात कही है, जिसने सबको चौंका दिया—
गेंदबाजों को अब साइकोलॉजिस्ट की जरूरत पड़ेगी!"**
अपने YouTube चैनलपर हालिया चर्चा में अश्विन ने कहा:
> मैं सच कहूं तो, जिस तरह से आईपीएल में बैटिंग हो रही है, जल्द ही हर गेंदबाज को अपने साथ एक पर्सनल साइकोलॉजिस्ट रखना पड़ेगा। लोग कहते हैं कि गेंदबाज डिफेंसिव हो गए हैं, लेकिन सच ये है कि कई बार बॉलिंग करना असंभव हो चुका है!"
क्यों डर रहे हैं गेंदबाज?
- SRH का 286, KKR का 208, PBKS का 201— ये सिर्फ शुरुआती मैचों के स्कोर हैं।
- पिछले साल SRH ने 277 और 287 रन बनाकर 300 का स्कोर भी संभव लगने लगा था।
- नए नियम (2 बाउंसर, फ्लैट पिच, छोटे ग्राउंड) बैटर्स को और मजबूत बना रहे हैं।
कगिसो रबाडा ने भी उठाई आवाज
साउथ अफ्रीका के तेज गेंदबाज कगिसो रबाडा ने भी चेतावनी दी:अगर ऐसे ही बैटिंग धावे चलते रहे, तो क्रिकेट को बैटिंग गेम' बोलना बेहतर होगा। गेंदबाजों के लिए कोई जगह नहीं बचेगी!"
क्या है समाधान?
- पिच को थोड़ा बैलेंस करना (स्पिनर्स को मदद मिले)।
- पावरप्ले के नियम में बदलाव (शायद 4 ओवर का पावरप्ले?)।
- गेंदबाजों की मेंटल हेल्थ पर ध्यान देना (जैसा अश्विन ने कहा)।
फाइनल वर्ड: क्या IPL बैटर्स का वर्ल्ड कप बन रहा है?
आंकड़े बताते हैं कि T20 क्रिकेट अब हिट ऑर मिस गेम बनता जा रहा है। अगर ऐसा ही चलता रहा, तो:
✔ 300 का स्कोर इसी सीजन में आ सकता है।
✔ गेंदबाजों का मनोबल टूट सकता है।
✔ क्रिकेट का संतुलन खतरे में पड़ सकता है।
क्या आपको लगता है कि गेंदबाजों को सच में साइकोलॉजिस्ट की जरूरत है? 🤔
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